विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि भारत सरकार का लक्ष्य बिजली क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के प्रयासों के साथ तालमेल बिठाते हुए अपने परमाणु ऊर्जा उद्योग को बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र से लगभग 26 बिलियन डॉलर (2.16 ट्रिलियन रुपये) का निवेश आकर्षित करना है।
यह भारत द्वारा परमाणु विकास के लिए निजी निवेश की मांग करने का पहला उदाहरण है, जो देश की कुल बिजली उत्पादन में केवल 2 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान देता है।
भारत के 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता को मौजूदा 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपेक्षित धनराशि महत्वपूर्ण है।
भारत सरकार वर्तमान में कम से कम पाँच निजी कंपनियों के साथ चर्चा में लगी हुई है, जो लगभग 440 बिलियन रुपये (5.30 बिलियन डॉलर) का निवेश करना चाहती हैं।
नीचे कुछ कंपनी के नाम है जिनसे भारत सरकार औपचारिक निवेश के लिए बात कर रही हैं –
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
बाजारी पूंजीकरण 20,04,721.69 करोड़ रूपये के साथ इनके शेयर अपने पिछले बंद भाव 2974.35 रूपये से 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2964.75 रूपये पर चल रहे हैं।
कंपनी के नवीनतम वित्तीय विवरणों के अनुसार, इस कंपनी का राजस्व सितंबर तिमाही के 2,31,886 करोड़ रुपये से 3 प्रतिशत बढ़कर दिसंबर तिमाही के दौरान 2,25,086 करोड़ रुपये हो गया। इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान इनका शुद्ध लाभ 1.19 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 19,878 करोड़ रुपये से घटकर 19,641 करोड़ रुपये हो गया।
टाटा पावर कंपनी लिमिटेड
बाजारी पूंजीकरण 1,20,624.07 करोड़ रूपये के साथ इनके शेयर अपने पिछले बंद भाव 378.30 रूपये से 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 377.35 रूपये पर चल रहे हैं।
कंपनी के नवीनतम वित्तीय विवरणों के अनुसार, राजस्व सितंबर तिमाही के 15,738 करोड़ रुपये से 7 प्रतिशत घटकर दिसंबर तिमाही के दौरान 14,651 करोड़ रुपये हो गया। इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान शुद्ध लाभ 6 प्रतिशत बढ़कर 1,017 करोड़ रुपये से 1,076 करोड़ रुपये हो गया।
अड़ाणी पावर लिमेटेड़
इस कंपनी का बाज़ारी पूंजीकरण 2,16,547 करोड़ रूपये हैं, और इनके शेयर अपने पिछले बंद भाव 567.95 रूपये से 0.18 प्रतिशत की बढ़त बनाकर 569 रूपये पर चल रहे हैं।
कंपनी के नवीनतम वित्तीय विवरणों के अनुसार, दोनों तिमाहियों के दौरान इनका ऑपरेशन राजस्व 12,991 रुपये पर स्थिर था। इसके विपरीत, सितंबर तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ 58 प्रतिशत घटकर 6,594 करोड़ रुपये से घटकर दिसंबर तिमाही में 2,738 करोड़ रुपये रह गया।
वेंदाता लिमेटेड़
इस कंपनी का बाज़ारी पूंजीकरण 98,933.19 करोड़ रूपये हैं, और इनके शेयर अपने पिछले बंद भाव 265.25 रूपये से 0.21 प्रतिशत की बढ़त बनाकर 265.80 रूपये पर चल रहे हैं।
कंपनी के नवीनतम वित्तीय विवरणों के अनुसार, इनका ऑपरेशन राजस्व सितंबर तिमाही के 38,945 करोड़ रुपये से 8 प्रतिशत से घटकर दिसंबर तिमाही में 35,541 करोड़ रुपये हो गया।
दूसरी ओर, इसी अवधि के दौरान इनका शुद्ध लाभ ने 915 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे से 2,868 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ में परिवर्तन करके दिखाया।
Written By – Uddeshya Agrawal
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